Tuesday, 31 December 2013

WSM wishing you a very Happy New Year 2014!!

"Every little smile can touch somebody’s heart.
No one is born happy, but all of us are
born with the ability to create happiness. 
Happy New Year 2014".
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Tuesday, 24 December 2013

WSM family wishing you a very Happy Merry Christmas 2013!!

Joy resounds in the hearts of those who believe in the miracle of Christmas!
Wishing you all the peace, joy, and love of the season! Season’s Greetings!
“Marry Christmas”


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Friday, 20 December 2013

Struggling with English…?

Struggling with English…?
Worry Not...
More than 5.3 million American public school students can't understand this sentence.
While 40% of American teachers have English learners in their classrooms, only a third of them are trained for them.
What's more, many of these students go through an entire school day without speaking a word of English... just like here!!

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Thursday, 19 December 2013

PREMIER CRICKET LEAGUE-Sponsored by WISDOM SCHOOL, OF MANAGEMENT



PREMIER CRICKET LEAGUE (A CORPORATE CRICKET TOURNAMENT 2013) SPONSORED BY WISDOM SCHOOL OF MANAGEMENT,WSM IS ALWAYS PROMOTE SUCH A SPORTS ACTIVITIES BECAUSE WE BELIEVE "A HEALTHY MIND EXISTS IN A HEALTHY BODY" .



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Tuesday, 17 December 2013

CAREER IN JOURNALISM AND MASS COMMUNICATION

विश्व ने हाल के वर्षों में संचार तकनीक एवं माध्यमों में अद्भुत व अभूतपूर्व परिवर्तन देखे हैं I आज तकनीक ने भौतिक सीमाओं को तोड़कर संपूर्ण विश्व को एक-सूत्र में पिरो दिया है I इसी से जन-संचार का क्षेत्र आज शिक्षा व करियर की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हो गया है I
जन-संचार का क्षेत्र केवल पत्रकारिता तक ही सीमित नहीं है वरन यह आधुनिक युग का एक ऐसा सत्य है जो मानव-जीवन व इससे जुड़े लगभग सभी क्षेत्रों से किसी न किसी रूप से जुड़ा हुआ है I पिछले कुछ समय में मास-मीडिया के क्षेत्र में काम करने की परिकल्पना में भी बड़ा परिवर्तन आया है I जन-संचार का क्षेत्र आज न केवल उच्च पारिश्रमिक देने वाला बन गया है बल्कि साथ ही जॉब-सैटिस्फैक्शन प्रदान करने वाला व क्रिएटिव भी हो चुका है I

चरणबद्ध प्रक्रिया

बहुत पहले की बात नहीं है जब साहित्य में डिग्री व उच्च श्रेणी की संवाद-क्षमता रखने वाले लोगों को पत्रकारिता व इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए उपयुक्त माना जाता था परन्तु मानव-जीवन में तकनीक के बढ़ते हस्तक्षेप ने इस क्षेत्र में ऐसे ट्रेंड प्रोफेशनल्स की ज़रुरत पैदा कर दी है जो सभी प्रकार की ऑडियंस तक शीघ्र एवं प्रभावशाली ढंग से सन्देश पहुंचा सके I आज जब ब्लॉग्स का प्रचलन बहुत बढ़ गया है, कहा जाने लगा है कि कोई भी आसानी से पत्रकार बन सकता है परन्तु ज़मीनी हकीकत का निरीक्षण करने पर पता चलता है कि प्रशिक्षित प्रोफेशनल आज भी अपना एक अलग मुकाम रखते हैं I

शीघ्र पदार्पण

अभियांत्रिकी व चिकित्सा क्षेत्रों के विपरीत, जन-संचार में पदार्पण के लिए किसी पूर्व प्रचलित सिद्धांत या रणनीति की तैयारी की आवश्यकता नहीं होती I इस क्षेत्र में स्नातक की डिग्री के साथ शुरूआत की जा सकती है परन्तु किसी भी कंपनी के महत्वपूर्ण पदों के लिए परा-स्नातक होना आवश्यक माना जाता है I इसी दौरान आप स्वतंत्र रूप से विभिन्न प्रकाशकों व ऑन-लाइन पोर्टल के लिए काम कर सकते हैं तथा ब्लॉग्स पर लिख कर अपनी संवाद क्षमता को सुधार सकते हैं I परन्तु इसके लिए विचारों में निष्पक्षता, परिपक्वता व इनका तार्किक होना बहुत आवश्यक है I

क्या यह मेरे लिए सही करियर है?

इस सवाल के जवाब के लिए आपको विवेचनात्मक आत्म-निरीक्षण करना चाहिएI आपमें शब्दों को प्रयोग करने की रचनात्मकता होनी चाहिए तथा जटिलतम विषयों को सरलतम रूप में अधिकाधिक लोगों तक संप्रेषित करने की योग्यता होनी चाहिए I कठिन परिश्रम व धैर्य का होना यहाँ बहुत ज़रूरी है क्योंकि इस क्षेत्र में उच्च मुकाम हासिल करने में समय लगता है I

खर्चा कितना होगा?

शिक्षण शुल्क तथा विभिन्न प्रोजेक्ट्स, इंटर्नशिप व फील्ड-वर्क पर होने वाले उच्च व्यय के कारण इस कोर्स को करने में खर्चा ज्यादा होता है I स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम संचालित करने वाले अधिकतर संस्थान वार्षिक फीस के रूप में ६०,००० से २ लाख रुपये तक लेते हैं I तीन साल के पाठ्यक्रम के लिए आपको लगभग तीन लाख रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं I इसी प्रकार, भारतीय जन-संचार संस्थान से एकवर्षीय परा-स्नातक पाठ्यक्रम करने पर ४०,००० से १ लाख रुपये तक खर्चा आता है I जामिया मिलिया इस्लामिया के जन-संचार अनुसन्धान केंद्र द्वारा संचालित दो-वर्षीय परा-स्नातक कोर्स के १ लाख रुपये लगते हैं I

फंडिंग/छात्रवृत्ति

प्रिंट मीडिया (हिंदी एवं इंग्लिश) व इलेक्ट्रोनिक मीडिया के पाठ्यक्रमों में प्रथम दो छात्रों को आईआईएमसी, वार्षिक फीस का आधा छात्रवृत्ति के रूप में प्रदान करता है I इस संस्थान में कई और मेमोरियल स्कॉलरशिप मेरिट के आधार पर छात्रों को दी जाती हैI कई दूसरे संस्थान भी मेरिट के आधार पर छात्रवृत्तियां प्रदान करते हैं I इलाहाबाद बैंक व पंजाब नेशनल बैंक आदि राष्ट्रीयकृत बैंकों से छात्र निम्न ब्याज दर पर ७.५ लाख रूपये तक का ऋण भी प्राप्त कर सकते हैं I

रोज़गार के अवसर

जनसंचार में प्रोफेशनल कोर्स आपके लिए फिल्म और टीवी, प्रकाशन, जन-संपर्क, पत्रकारिता, सम्पादन, फिल्म-मेकिंग, स्क्रिप्ट-राइटिंग व प्रोडक्शन इत्यादि के क्षेत्र में संभावनाओं के द्वार खोल देता है I संक्षिप्त में कहें तो जन-संचार एक व्यक्ति के लिए करियर में अपार विकल्प उपलब्ध करा देता है जिसके बाद वह अपनी रूचि के अनुसार कार्यक्षेत्र का चुनाव कर सकता है I प्रतिभाशाली व ट्रेंड व्यक्तियों के लिए पत्रकारिता, अभिनय, दिग्दर्शन, सम्पादन, लेखन, आरजे, वीजे, प्रोडक्शन जैसे हाई-पेइंग जॉब्स में अवसर सदैव उपलब्ध रहते हैं I

वेतनमान

आईआईएमसी, एमसीआरसी जामिया व सिम्बोइसिस जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से निकले हुए छात्र आकर्षक वेतनमान वाली नौकरी पा लेते हैं जबकि दूसरे संस्थान जोकि अपेक्षाकृत कम जाने जाते हैं, के छात्रों को नौकरी ढूंढने में थोड़ी मुश्किल आती है I शुरू में एक जन-संचार प्रोफेशनल को १२,००० से २५,००० मासिक तक की नौकरी मिल जाती है जोकि पांच वर्ष के अनुभव के बाद ५०,००० से एक लाख तक जा सकती है I

मांग और आपूर्ति

मास-कम्यूनिकेशन प्रोफेशनल के करियर में मांग एवं आपूर्ति का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है I वैश्विक आर्थिक तंगी ने कई हाई-प्रोफाईल पत्रकारों की जॉब पर जहां कैंची चलायी वहीं इस दौरान ग्रेजुएट्स को नौकरी के लिए कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा I दूसरी तरफ, नित नए एंटरटेनमेंट व न्यूज़ चैनलों के आने से इस क्षेत्र में ट्रेंड प्रोफेशनल्स की कमी बनी हुयी है तथा कई नए चैनलों के भविष्य में आने से मांग बढ़ेगी ही l साथ ही इस क्षेत्र को विदेशी निवेश के लिए खोलने के पश्चात नयी नौकरियों का सृजन अवश्यम्भावी है l

मार्केट वॉच

अगले पांच वर्षों में ७० नए न्यूज़ चैनलों के इस क्षेत्र में पदार्पण करने से नौकरियों के अवसर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं l विशेषकर पत्रकारिता और फिल्मों में कुशल ट्रेंड प्रोफेशनल्स के लिए विभिन्न पदों के लिए अवसरों की कमी नहीं है l चूंकि भारत विश्व में सबसे अधिक फिल्म निर्माण करने वाला देश है, यहाँ इस क्षेत्र में मांग सदैव बनी रहती है l तकनीकी रूप से कुशल मीडिया प्रोफेशनल्स टीवी चैनलों, प्रोडक्शन हाउस के लिए कार्य कर सकते हैं तथा वे स्वतंत्र रूप से वृत्तचित्र निर्माता भी बन सकते हैं l

अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन

रूपर्ट मर्डोक की न्यूज़ कॉर्पोरेशन, डिज्नी एंटरटेनमेंट, सीएनबीसी, वॉर्नर ब्रदर्स, गार्डियन समूह, बीबीसी, एबीसी जैसे कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय कम्पनियां इस क्षेत्र में विभिन्न पदों एवं स्तरों के लिए नौकरियां उपलब्ध करा रही हैं l इन अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में न केवल आकर्षक वेतन मिलता है वरन कई चुनौतीपूर्ण कार्य करने का अवसर भी प्राप्त होता है तथा भारतीयों को तो इन जगहों पर उनके अंग्रेज़ी ज्ञान के कारण प्राथमिकता भी दी जाती है l

सकारात्मक/नकारात्मक पहलू

किसी भी अन्य करियर की तरह ही जन-संचार के भी सकारात्मक एवं नकारात्मक पहलू हैं l जन-संचार के क्षेत्र विशेषतः न्यूज़ बिजनेस में आपकी प्रतिबद्धता तथा लगन सदैव दांव पर होते हैं तथा आपको अपने व्यक्तिगत जीवन के समय की कुर्बानी देने के लिए तैयार रहना पड़ता है I खबरों को ब्रेक करने के लिए एक पत्रकार को दिन-रात काम करना पड़ सकता है I इसी प्रकार जो लोग फिल्म व एंटरटेनमेंट उद्योग में कार्य करते हैं उन्हें भी अपने व्यक्तिगत जीवन की परवाह किये बिना अपने प्रोफेशन के लिए जोश के साथ काम करना होता है I संक्षिप्त रूप में, जन-संचार का क्षेत्र जॉब-सैटिसफैक्शन, नाम व प्रसिद्धि देने वाला तथा साथ ही चुनौतीपूर्ण भी होता है l

विभिन्न भूमिका व पदनाम

एक मास-कम्यूनिकेशन ग्रेजुएट को निम्न पद ऑफर किये जा सकते हैं :
- फैशन फोटोग्राफर
- फिल्म निर्देशक
- टीवी कॉरेसपोंडेंट
- प्रोड्यूसर
- रेडियो जॉकी/आरजे
- स्क्रीनप्ले-राइटर
- साउंड इंजीनियर
- साउंड मिक्स़र/साउंड रिकॉर्डिस्ट
- विशेष संवाददाता
- वीडियो जॉकी
- कला निर्देशक
- सम्पादक
- इवेंट मैनेजर
- जन-संपर्क अधिकारी

नौकरी पाने के लिए सुझाव

जन-संचार संस्थान से कोर्स करने के अलावा आपमें इस क्षेत्र के लिए ज़रूरी गुण एवं आपकी इसमें रूचि ही आपको जॉब दिला सकती हैI जो अभ्यर्थी न्यूज़ मीडिया में करियर बनाने के इच्छुक हैं उनमें न्यूज़ और समसामयिक विषयों की अच्छी समझ होनी चाहिए I विभिन्न समसामयिक मुद्दों पर वैश्विक दृष्टिकोण रखने वाले व्यक्तियों को रिपोर्टर के तौर पर रखा जाता है I इसी प्रकार, इलेक्ट्रौनिक मीडिया में रूचि रखने वालों को वीडियो एडिटिंग का प्रायोगिक ज्ञान होना चाहिए I अधिकांश मीडिया ट्रेनिंग संस्थान अपने छात्रों को इंटर्नशिप के लिए विभिन्न मीडिया कंपनियों में भेजते हैं जोकि कोर्स के उपरान्त अंततः उन्हें नौकरी दिलाने में सहायक सिद्ध होता है I

अग्रणी कम्पनियां

- दैनिक जागरण
- हिन्दुस्तान टाइम्स ग्रुप ऑफ़ पब्लिकेशन
- एनडीटीवी नेटवर्क
- जी टीवी नेटवर्क
- टाइम्स ऑफ़ इण्डिया प्रकाशन समूह
- वाईकॉम
- बीबीसी
- टीवी १८
- बिग एंटरटेनमेंट इत्यादि


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Thursday, 12 December 2013

An award winning stratigy...



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टॉप शैक्षिक संस्थानों के मामले में भारत की रैंकिंग पिछले साल के मुकाबले सुधरी

टॉप शैक्षिक संस्थानों के मामले में भारत की रैंकिंग पिछले साल के मुकाबले सुधरी है. दुनिया के टॉप-400 शैक्षिक संस्थानों में पांच भारतीय संस्थानों ने जगह बनाई है. पिछले साल इस सूची में भारत के सिर्फ तीन संस्थान शामिल थे.

पंजाब यूनिवर्सिटी की जबरदस्त एंट्री
टाइम्स हाइअर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2013-13 में चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) को भारत में सबसे ऊंची रैंकिंग दी गई है. पीयू को 226-250 रैंकिंग वाले सेक्शन में रखा गया है.

इसके अलावा आईआईटी दिल्ली और आईआईटी कानपुर भी इस सूची में पहली बार जगह बनाने में कामयाब रहे हैं. दोनों को 351-400 रैंकिंग वाले सेक्शन में रखा गया है.

आईआईटी खड़गपुर पिछले साल भी इस सूची में था, लेकिन अब उसकी रैंकिंग 226-250 से गिरकर 351-400 तक पहुंच गई है. आईआईटी रुड़की ने अपनी पिछली रैंकिंग 351-400 बरकरार रखी है.

कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पहले नंबर पर
दुनिया भर में मशहूर इस रैंकिंग सूची के एडिटर फिल बैटी ने कहा, 'भारत के लिए ये आंकड़े हौसला बढ़ाने वाले हैं. हालांकि भारत का कोई संस्थान टॉप-200 में नहीं है, पर टॉप-400 में पांच भारतीय संस्थान हैं.'

रैंकिंग में कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी लगातार तीसरी बार दुनिया भर में पहले नंबर पर है. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी संयुक्त रूप से दूसरे नंबर पर हैं. स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी चौथे नंबर पर खिसक गई है.


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Top 7 Most Important Soft Skills...........

Top 7 Most Important Soft Skills...........

Acting as a team player means not only being cooperative, but also displaying strong leadership skills when necessary

Flexibility is a valuable asset - employees who can adapt to any situation are dependable no matter what's thrown at them

Effective communication is paramount, and includes articulating oneself well, being a good listener and using appropriate body language

Problem-solving skills and resourcefulness are critical when unexpected issues inevitably arise

Accepting feedback and applying lessons learned fosters professional growth

Confidence is key, but it's important to always have the knowledge and skills to support self-assurance

Creative thinking is invaluable and drives innovation and increased efficiency


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Life Begins at the end of comfort zone..


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Thursday, 5 December 2013

MHRD hopeful of Educational Tribunals Bill passage in winter session



The Union Ministry of Human Resource Development (MHRD) is planning to push key education Bills in view of the short duration of the Winter Session of the Parliament.
Reportedly, the MHRD would push for the long pending Educational Tribunals Bill, 2010, passed by the Lok Sabha in 2010.

The Educational Tribunal Bill was passed by Lok Sabha in 2010 but has been struck in the Rajya Sabha due to lack of consensus among political parties who had been opposing various provisions in it.

The bill is listed for the ensuing session.
Presently, close to a dozen bills including Prohibition of Unfair Practices in Technical Education Bill and National Accreditation Regulatory Authority of Higher Educations Bill are yet to be cleared.

The bill seeks to set up national and state level tribunals to look into the disputes related to higher educational institutions, students and the faculty.

The Bill specifies guidelines under which unfair practices such as charging capitation fees, demanding donations, questionable admission processes etc could be treated as civil or criminal offences.

“Much of the groundwork has been done to evolve a consensus on the bill with some tweaking. We are optimistic this time around,” said a Ministry official, reported Zee News.


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Tuesday, 3 December 2013

The National Board of Accreditation (NBA)

The National Board of Accreditation (NBA), India was established by AICTE (All India Council of Technical Education) as an autonomous body under section 10(u) of AICTE act, 1987 for periodic evaluations of technical institutions & programmes basis according to specified norms and standards as recommended by AICTE council.
It has the full authority to recognize or derecognize institutions and programmes under them.
It is the only authorized body in India entrusted with the task of undertaking accreditation of technical education programmes .
Following the decision to close down the AICTE in the wake of a corruption scandal, Union Education Minister Kapil Sibal announced that the National Board of Accreditation will be elevated as an independent body and become the nodal agency responsible for accreditation in India.
The National Board of Accreditation has since become an Independent Society constituted under the Registrar of Cooperative Societies

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CBSE grants 30 minutes extra for open book exams

CBSE grants 30 minutes extra for open book exams
The Central Board of Secondary Education (CBSE) has decided to give 30 minutes extra to students of Class IX and XI in the March 2014 final exams, specifically for the open book exam. The Open Text Based Assessment (OTBA) will debut in March as a separate section within the main question paper. The OTBA questions will be addition to the original number questions as per last year's pattern, hence the central board decided to allow an extra half-hour to students.
CBSE director Sadhana Parashar wrote to schools saying, "It has been provided in the circulars that OTBA questions will be in addition to usual questions set for three hours. In view of the above, schools are directed to give time of 3-3½ hours to the examinees in each of the subjects where open text based assessment has been introduced. This time will be in addition to the 15 minutes allotted to read the question paper."
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WSM Started Placement again

Dear Students,
We are glad to announce that we are now again started placements.
You all are requested to send your resume to placements@wsmde.edu.in for placements assistance.
Please mention your Enrollment No., Last Qualification and experience in the subject line of the mail. e.g. PROV/XXX000,MBA,4 Years
Thanking you.
Yours
TPO
Wisdom School of Management
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Wednesday, 13 November 2013

Our Education System


टॉपर्स नहीं, ऐवरेज स्टूडेंट्स आ रहे हैं कंपनियों को पसंद

टॉपर्स नहीं, ऐवरेज स्टूडेंट्स आ रहे हैं कंपनियों को पसंद

दिल्ली यूनिवर्सिटी में कैंपस प्लेसमेंट का सीजन शुरू हो गया है और इस बार नया ट्रेंड भी देखने को मिल रहा है। पहले कंपनियों की पहली चॉइस टॉपर्स स्टूडेंट्स होते थे और पहले उन्हें ही जॉब ऑफर होती थी। अब कंपनियों की सोच में बदलाव आ रहा है। यूनिवर्सिटी के सेंट्रल प्लेसमेंट सेल (सीपीसी) में रजिस्ट्रेशन करवाने वाली कई कंपनियां चाहती हैं कि ऐवरेज पर्सेंटेज वाले स्टूडेंट्स का सिलेक्शन किया जाए। 55 से 60 पर्सेंट तक स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स को भी इस बार कैंपस प्लेसमेंट का गोल्डन चांस मिल सकता है। सीपीसी अधिकारियों का भी मानना है कि इस बार खुद कंपनियों ने ही ऐवरेज स्टूडेंट्स को प्रमोट करने की बात कही है। यूनिवर्सिटी भी कंपनियों के बदलते रुख से काफी खुश है।

डिप्टी डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ. गुलशन साहनी बताते हैं कि कई कंपनियां इस बार शर्त रख रही हैं कि उन्हें ऐवरेज पर्सेंटेज वाले स्टूडेंट्स का डाटा दिया जाए। ऐसे स्टूडेंट्स को कंपनियां ट्रेंड करेंगी और ट्रेनिंग के बाद उन्हें कंपनियों में काम करने का मौका मिलेगा। डॉ. साहनी का कहना है कि कंपनियों की सोच है कि टॉपर्स का सलेक्शन करने के बाद उन्हें कुछ महीने की ट्रेनिंग दी जाती है, लेकिन कुछ समय बाद वे जॉब छोड़ देते हैं। ऐसे में कंपनी को नए सिरे से कैंडिडेट्स को ट्रेनिंग देनी पड़ती है और कंपनी को ट्रेनिंग का फायदा नहीं मिल पाता। आईटी के अलावा फाइनैंस सेक्टर की भी ऐसी कंपनियां हैं, जो 60 पर्सेंट तक स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स को प्लेसमेंट में प्राथमिकता देने की बात कह रही हैं।

डिप्टी डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ. गुरप्रीत सिंह टुटेजा का कहना है कि कंपनियों की सोच में बदलाव आ रहा है। वे चाहती हैं कि जिन स्टूडेंट्स को वे ट्रेनिंग दें, वे ज्यादा से ज्यादा समय तक काम करें। इस बार ऐसी कंपनियां भी हैं, जो चाहती हैं कि स्टूडेंट्स जल्द से जल्द जॉइन करें। कंपनियों की सोच है कि ऐवरेज पर्सेंटेज वाले स्टूडेंट्स ज्यादा समय तक एक कंपनी में काम कर सकते हैं। यानी इस बार कम पर्सेंटेज वाले स्टूडेंट्स के लिए भी खुशखबरी है कि उन्हें पहले के मुकाबले कैंपस प्लेसमेंट के ज्यादा बेहतर चांस मिलेंगे।

सीपीसी का पहला राउंड 12-13 नवंबर को
सीपीसी का पहला राउंड 12 और 13 नवंबर को नॉर्थ कैंपस के कॉन्फ्रेंस सेंटर में होगा। इस दिन बैंकिंग सेक्टर की कंपनियां भी आ रही हैं, जिनमें एचडीएफसी बैंक भी शामिल है। साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स तीनों स्ट्रीम के स्टूडेंट्स इस राउंड में भाग ले सकते हैं। पहले राउंड में वही स्टूडेंट्स अपीयर हो सकते हैं, जिन्होंने 11 नवंबर को शाम 5 बजे तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया होगा। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद फॉर्म का प्रिंट लेकर कॉलेज प्रिंसिपल से भी वेरिफाई करवाना होगा। 20 नवंबर से डीयू में सेमेस्टर एग्जाम शुरू हो रहे हैं। प्लेसमेंट का सेकंड राउंड सेमेस्टर एग्जाम के बाद ही होगा।

साभार-नवभारत टाइम्स

Benefits of Distance Education

Benefits of Distance Education

Distance Education makes lifelong learning possible. Along with enhanced access to educational opportunities, it offers convenience, flexibility, and affordability. The benefits of Distance Education are innumerable; some of them are:
Suitable for anyone and everyone
Distance Education suits the diverse educational requirements of students, businessmen, professionals, entrepreneurs and house-wives and is beneficial to any individual who wants to pursue higher education while still continuing with what he/ she is doing.

Self-paced Learning

The maximum duration of Distance Education programmes provides its students enough time to complete their programmes. This flexibility is specifically given, keeping in mind that the Distance Education students have other commitments too.
No constraint of time and place

Distance Education allows flexibility to study anytime of the day, be it in the wee hours of the morning or at late nights. Students may choose to study in the comfort of their homes, while travelling, while they are in the waiting area of a railway station or an airport, or any other place where they wish to be.

Multi-tasking opportunity

Distance Education provides multi-tasking opportunity to students. Flexibility and convenience, rendered by it, provide the students freedom to heed to their other responsibilities too.

Age no bar

Age is no bar for anyone wishing to pursue an distance education Programme.
Increase in Compensation and Promotion potential
One can always enhance his/ her academic and professional acumen by opting for Distance Education programme which in turn helps in increasing one’s remuneration and promotional potential. Additional qualification gives an edge to an individual over his peers and colleagues.

Education


Find Career @ Wisdom School of Management

Distance Education Bureau

In pursuance of the directions issued by the Ministry of Human Resource Development, Department of Higher Education, Government of India dated 29.12.2012, the regulatory functions with regard to Distance Education programmes in higher education have now been vested with the University Grants Commission. The Distance Education Council which was the erstwhile regulator of Distance Education programmes, has been dissolved and all regulatory functions are being undertaken by the UGC. The UGC is in the process of framing new Regulations for Distance Education. It has, however, been decided that till such time the new Regulations of the UGC are notified, the guidelines of the erstwhile DEC with regard to recognition of ODL institutions shall be implemented for the purposes of grant of permission to institutions for Distance Education programmes.

Monday, 23 September 2013

Jobs for SAP Business ONE

For any job related to SAP Business ONE please refer this link

What is SAP B1 ERP

What is ERP?
Enterprise Resource Planning system is a fully integrated business management system covering functional areas of an enterprise like Logistics, Production, Finance, Accounting, Sales and Human resources etc. It organizes and integrates Operation processes and information flows to make optimum use of resources such as men, material, money and machine. ERP is a global, tightly integrated closed loop business solution package and is multifaceted ERP promises one database, one application and one user interface for the entire enterprise. ERP system enhances a manufacturer ability to accurately schedule production, fully utilize capacity, reduce inventory, and meet promised shipping dates.
Information is integrated within an organization
using an ERP system

What is Conventional Application Packages?
Conventional Application Package Can Handle only one Functional Area of The Company. Ex: - Accounting package covers accounting functional areas of the enterprise.
Difference between Accounting package and ERP package
Accounting packagehandles only individual business functions of accounts ERP package handles the entire range of business functions of The Company.
SAP
SAP AG has developed ERP package called SAP
SAP stands for Systems, Applications and Products in data processing SAP looked at the entire business as a single entity while developing this software Therefore,
SAP is a unique system that supports nearly all areas of business on a global scale.
SAP has a number of Application Modules in the package. Some of These Modules are
1. Financial
2. Controlling
3. Investment management
4. Treasury
5. Integrated enterprise management
6. Sales and distribution
7. Production planning and control
8. Material management
9. Human resource management
10. Internet and intranet. 

THE END-USER

Any module in the ERP system is implemented by the consultants engaged by the company.
After the implementation (installation) the system has to be used by the employees of the company who are called the end-users. They have to be accustomed to the way the system works to get optimum benefit from the system.


Roles and Responsibilities of End User:

Using the software at the end or after the implementation is an End User End user is the one who performs transactions in SAP after it goes live. Such as posting an invoice, goods receipt, creating purchase orders, sales orders etc
What is the Difference between Accountants is working on Accounting Packages such as Tally, Wings etc and Accountants (SAP FICO ENDUSER) Working in SAP Implemented Companies
Role is Not Changed. However in SAP, Each Business Transaction such as posting of Journal Vouchers, Sales, and Purchases etc is identified by Transaction Codes. So we can Post Business Transactions using Transaction Codes.
What is the importance of end user Training 

The Success or failure of ERP system rests with how the actual users use it. Even The Most successfully implemented ERP systems fail to deliver the dramatic performance Improvements that it has promised due to lack of end user cooperation.
FICO END USER TRAINING

To Whom it is Suitable?

This Training is Suitable to People Working as Accountants with Qualifications of B.com, M.com etc on Accounting Packages of Tally, Wings etc For Getting Jobs in Companies which are Run on SAPERP.
This Training is also Useful to People Working In AUDIT FIRM,s which Have Clients of SAP implemented Companies as Audit Clerks, Audit Assistant, Internal Auditors etc.
This Training also Helpful to all Commerce Graduates Whether They Having Domain experience or not For Entry Level Accountant Jobs in Companies in which SAP is Implemented and also For Getting Jobs in BPO Sector.
CONTROLLING END USER TRAINING 

To Whom it is Suitable?

Controlling End User Training is Suitable to People Having Domain Experience in Costing and People had Professional Qualifications Like CA inter, CA , ICWA, ICWA inter ,ACS, ACS Inter and People appearing The said Exams. 

SAP Business ONE Training Programme

 First exclusive training and job portal in India for SAP end user jobs and SAP end user Training
 4200 Indian Companies are implemented SAP-ERP
 More than 100 companies are implemented SAP-ERP in Andhra Pradesh
 We are providing SAP end user training and consulting services for getting end user jobs in SAP    customers
 SAP customers means companies in which SAP –ERP was implemented 

• SAP-ERP consultants
 :-

People who participated in implementation of SAP-ERP in the company are called SAP Technical and Functional consultants and people who resolve issues or tickets (supporting problems) after implementation of SAP-ERP are called SAP Technical and Functional consultants. So SAP consultants are participated in implementation and resolves the Issues arise after implementation.
• SAP-ERP core team members :- 
People who having domain experience (finance,taxation,sales,purchases,etc.) , knowledge of SAP-ERP and associate with SAP consultants at the time of implementation are called SAP core team members.
• SAP end users :-

People who responsible for posting of day to day activities like posting of invoices, creation of master records(Customermaster) and generating of Reports in companies(in which SAP-ERP is implemented) are called SAP end users

Benefits of SAP Business One Certification


 
 Certification is directly from SAP which adds value to career growth
 
 SAP Business One is an International ERP Package and used across the Globe having 13 modules. One gets certified in SAP Business One can work on all 13 modules
 
 Huge requirement for certified SAP B1 professionals in India, China, Africa, U.S. & U.K
 
 SAP Business One being a SME focus product and an affordable package has increased the customer base by over 200% year on year and driven the need of more certified professionals 
 
 By 2014 there will be over 30,000 enterprises worldwide demanding certified SAP B1 professionals
 
 Introduced in 2006 in India and currently is market leader in SME segment
 
 SAP Business One targets Industries in all verticals