टॉपर्स नहीं, ऐवरेज स्टूडेंट्स आ रहे हैं कंपनियों को पसंद
दिल्ली यूनिवर्सिटी में कैंपस प्लेसमेंट का सीजन शुरू हो गया है और इस बार नया ट्रेंड भी देखने को मिल रहा है। पहले कंपनियों की पहली चॉइस टॉपर्स स्टूडेंट्स होते थे और पहले उन्हें ही जॉब ऑफर होती थी। अब कंपनियों की सोच में बदलाव आ रहा है। यूनिवर्सिटी के सेंट्रल प्लेसमेंट सेल (सीपीसी) में रजिस्ट्रेशन करवाने वाली कई कंपनियां चाहती हैं कि ऐवरेज पर्सेंटेज वाले स्टूडेंट्स का सिलेक्शन किया जाए। 55 से 60 पर्सेंट तक स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स को भी इस बार कैंपस प्लेसमेंट का गोल्डन चांस मिल सकता है। सीपीसी अधिकारियों का भी मानना है कि इस बार खुद कंपनियों ने ही ऐवरेज स्टूडेंट्स को प्रमोट करने की बात कही है। यूनिवर्सिटी भी कंपनियों के बदलते रुख से काफी खुश है।
डिप्टी डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ. गुलशन साहनी बताते हैं कि कई कंपनियां इस बार शर्त रख रही हैं कि उन्हें ऐवरेज पर्सेंटेज वाले स्टूडेंट्स का डाटा दिया जाए। ऐसे स्टूडेंट्स को कंपनियां ट्रेंड करेंगी और ट्रेनिंग के बाद उन्हें कंपनियों में काम करने का मौका मिलेगा। डॉ. साहनी का कहना है कि कंपनियों की सोच है कि टॉपर्स का सलेक्शन करने के बाद उन्हें कुछ महीने की ट्रेनिंग दी जाती है, लेकिन कुछ समय बाद वे जॉब छोड़ देते हैं। ऐसे में कंपनी को नए सिरे से कैंडिडेट्स को ट्रेनिंग देनी पड़ती है और कंपनी को ट्रेनिंग का फायदा नहीं मिल पाता। आईटी के अलावा फाइनैंस सेक्टर की भी ऐसी कंपनियां हैं, जो 60 पर्सेंट तक स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स को प्लेसमेंट में प्राथमिकता देने की बात कह रही हैं।
डिप्टी डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ. गुरप्रीत सिंह टुटेजा का कहना है कि कंपनियों की सोच में बदलाव आ रहा है। वे चाहती हैं कि जिन स्टूडेंट्स को वे ट्रेनिंग दें, वे ज्यादा से ज्यादा समय तक काम करें। इस बार ऐसी कंपनियां भी हैं, जो चाहती हैं कि स्टूडेंट्स जल्द से जल्द जॉइन करें। कंपनियों की सोच है कि ऐवरेज पर्सेंटेज वाले स्टूडेंट्स ज्यादा समय तक एक कंपनी में काम कर सकते हैं। यानी इस बार कम पर्सेंटेज वाले स्टूडेंट्स के लिए भी खुशखबरी है कि उन्हें पहले के मुकाबले कैंपस प्लेसमेंट के ज्यादा बेहतर चांस मिलेंगे।
सीपीसी का पहला राउंड 12-13 नवंबर को
सीपीसी का पहला राउंड 12 और 13 नवंबर को नॉर्थ कैंपस के कॉन्फ्रेंस सेंटर में होगा। इस दिन बैंकिंग सेक्टर की कंपनियां भी आ रही हैं, जिनमें एचडीएफसी बैंक भी शामिल है। साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स तीनों स्ट्रीम के स्टूडेंट्स इस राउंड में भाग ले सकते हैं। पहले राउंड में वही स्टूडेंट्स अपीयर हो सकते हैं, जिन्होंने 11 नवंबर को शाम 5 बजे तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया होगा। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद फॉर्म का प्रिंट लेकर कॉलेज प्रिंसिपल से भी वेरिफाई करवाना होगा। 20 नवंबर से डीयू में सेमेस्टर एग्जाम शुरू हो रहे हैं। प्लेसमेंट का सेकंड राउंड सेमेस्टर एग्जाम के बाद ही होगा।
साभार-नवभारत टाइम्स
दिल्ली यूनिवर्सिटी में कैंपस प्लेसमेंट का सीजन शुरू हो गया है और इस बार नया ट्रेंड भी देखने को मिल रहा है। पहले कंपनियों की पहली चॉइस टॉपर्स स्टूडेंट्स होते थे और पहले उन्हें ही जॉब ऑफर होती थी। अब कंपनियों की सोच में बदलाव आ रहा है। यूनिवर्सिटी के सेंट्रल प्लेसमेंट सेल (सीपीसी) में रजिस्ट्रेशन करवाने वाली कई कंपनियां चाहती हैं कि ऐवरेज पर्सेंटेज वाले स्टूडेंट्स का सिलेक्शन किया जाए। 55 से 60 पर्सेंट तक स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स को भी इस बार कैंपस प्लेसमेंट का गोल्डन चांस मिल सकता है। सीपीसी अधिकारियों का भी मानना है कि इस बार खुद कंपनियों ने ही ऐवरेज स्टूडेंट्स को प्रमोट करने की बात कही है। यूनिवर्सिटी भी कंपनियों के बदलते रुख से काफी खुश है।
डिप्टी डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ. गुलशन साहनी बताते हैं कि कई कंपनियां इस बार शर्त रख रही हैं कि उन्हें ऐवरेज पर्सेंटेज वाले स्टूडेंट्स का डाटा दिया जाए। ऐसे स्टूडेंट्स को कंपनियां ट्रेंड करेंगी और ट्रेनिंग के बाद उन्हें कंपनियों में काम करने का मौका मिलेगा। डॉ. साहनी का कहना है कि कंपनियों की सोच है कि टॉपर्स का सलेक्शन करने के बाद उन्हें कुछ महीने की ट्रेनिंग दी जाती है, लेकिन कुछ समय बाद वे जॉब छोड़ देते हैं। ऐसे में कंपनी को नए सिरे से कैंडिडेट्स को ट्रेनिंग देनी पड़ती है और कंपनी को ट्रेनिंग का फायदा नहीं मिल पाता। आईटी के अलावा फाइनैंस सेक्टर की भी ऐसी कंपनियां हैं, जो 60 पर्सेंट तक स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स को प्लेसमेंट में प्राथमिकता देने की बात कह रही हैं।
डिप्टी डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ. गुरप्रीत सिंह टुटेजा का कहना है कि कंपनियों की सोच में बदलाव आ रहा है। वे चाहती हैं कि जिन स्टूडेंट्स को वे ट्रेनिंग दें, वे ज्यादा से ज्यादा समय तक काम करें। इस बार ऐसी कंपनियां भी हैं, जो चाहती हैं कि स्टूडेंट्स जल्द से जल्द जॉइन करें। कंपनियों की सोच है कि ऐवरेज पर्सेंटेज वाले स्टूडेंट्स ज्यादा समय तक एक कंपनी में काम कर सकते हैं। यानी इस बार कम पर्सेंटेज वाले स्टूडेंट्स के लिए भी खुशखबरी है कि उन्हें पहले के मुकाबले कैंपस प्लेसमेंट के ज्यादा बेहतर चांस मिलेंगे।
सीपीसी का पहला राउंड 12-13 नवंबर को
सीपीसी का पहला राउंड 12 और 13 नवंबर को नॉर्थ कैंपस के कॉन्फ्रेंस सेंटर में होगा। इस दिन बैंकिंग सेक्टर की कंपनियां भी आ रही हैं, जिनमें एचडीएफसी बैंक भी शामिल है। साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स तीनों स्ट्रीम के स्टूडेंट्स इस राउंड में भाग ले सकते हैं। पहले राउंड में वही स्टूडेंट्स अपीयर हो सकते हैं, जिन्होंने 11 नवंबर को शाम 5 बजे तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया होगा। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद फॉर्म का प्रिंट लेकर कॉलेज प्रिंसिपल से भी वेरिफाई करवाना होगा। 20 नवंबर से डीयू में सेमेस्टर एग्जाम शुरू हो रहे हैं। प्लेसमेंट का सेकंड राउंड सेमेस्टर एग्जाम के बाद ही होगा।
साभार-नवभारत टाइम्स
No comments:
Post a Comment