Tuesday, 31 December 2013

WSM wishing you a very Happy New Year 2014!!

"Every little smile can touch somebody’s heart.
No one is born happy, but all of us are
born with the ability to create happiness. 
Happy New Year 2014".
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Tuesday, 24 December 2013

WSM family wishing you a very Happy Merry Christmas 2013!!

Joy resounds in the hearts of those who believe in the miracle of Christmas!
Wishing you all the peace, joy, and love of the season! Season’s Greetings!
“Marry Christmas”


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Friday, 20 December 2013

Struggling with English…?

Struggling with English…?
Worry Not...
More than 5.3 million American public school students can't understand this sentence.
While 40% of American teachers have English learners in their classrooms, only a third of them are trained for them.
What's more, many of these students go through an entire school day without speaking a word of English... just like here!!

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Thursday, 19 December 2013

PREMIER CRICKET LEAGUE-Sponsored by WISDOM SCHOOL, OF MANAGEMENT



PREMIER CRICKET LEAGUE (A CORPORATE CRICKET TOURNAMENT 2013) SPONSORED BY WISDOM SCHOOL OF MANAGEMENT,WSM IS ALWAYS PROMOTE SUCH A SPORTS ACTIVITIES BECAUSE WE BELIEVE "A HEALTHY MIND EXISTS IN A HEALTHY BODY" .



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Tuesday, 17 December 2013

CAREER IN JOURNALISM AND MASS COMMUNICATION

विश्व ने हाल के वर्षों में संचार तकनीक एवं माध्यमों में अद्भुत व अभूतपूर्व परिवर्तन देखे हैं I आज तकनीक ने भौतिक सीमाओं को तोड़कर संपूर्ण विश्व को एक-सूत्र में पिरो दिया है I इसी से जन-संचार का क्षेत्र आज शिक्षा व करियर की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हो गया है I
जन-संचार का क्षेत्र केवल पत्रकारिता तक ही सीमित नहीं है वरन यह आधुनिक युग का एक ऐसा सत्य है जो मानव-जीवन व इससे जुड़े लगभग सभी क्षेत्रों से किसी न किसी रूप से जुड़ा हुआ है I पिछले कुछ समय में मास-मीडिया के क्षेत्र में काम करने की परिकल्पना में भी बड़ा परिवर्तन आया है I जन-संचार का क्षेत्र आज न केवल उच्च पारिश्रमिक देने वाला बन गया है बल्कि साथ ही जॉब-सैटिस्फैक्शन प्रदान करने वाला व क्रिएटिव भी हो चुका है I

चरणबद्ध प्रक्रिया

बहुत पहले की बात नहीं है जब साहित्य में डिग्री व उच्च श्रेणी की संवाद-क्षमता रखने वाले लोगों को पत्रकारिता व इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए उपयुक्त माना जाता था परन्तु मानव-जीवन में तकनीक के बढ़ते हस्तक्षेप ने इस क्षेत्र में ऐसे ट्रेंड प्रोफेशनल्स की ज़रुरत पैदा कर दी है जो सभी प्रकार की ऑडियंस तक शीघ्र एवं प्रभावशाली ढंग से सन्देश पहुंचा सके I आज जब ब्लॉग्स का प्रचलन बहुत बढ़ गया है, कहा जाने लगा है कि कोई भी आसानी से पत्रकार बन सकता है परन्तु ज़मीनी हकीकत का निरीक्षण करने पर पता चलता है कि प्रशिक्षित प्रोफेशनल आज भी अपना एक अलग मुकाम रखते हैं I

शीघ्र पदार्पण

अभियांत्रिकी व चिकित्सा क्षेत्रों के विपरीत, जन-संचार में पदार्पण के लिए किसी पूर्व प्रचलित सिद्धांत या रणनीति की तैयारी की आवश्यकता नहीं होती I इस क्षेत्र में स्नातक की डिग्री के साथ शुरूआत की जा सकती है परन्तु किसी भी कंपनी के महत्वपूर्ण पदों के लिए परा-स्नातक होना आवश्यक माना जाता है I इसी दौरान आप स्वतंत्र रूप से विभिन्न प्रकाशकों व ऑन-लाइन पोर्टल के लिए काम कर सकते हैं तथा ब्लॉग्स पर लिख कर अपनी संवाद क्षमता को सुधार सकते हैं I परन्तु इसके लिए विचारों में निष्पक्षता, परिपक्वता व इनका तार्किक होना बहुत आवश्यक है I

क्या यह मेरे लिए सही करियर है?

इस सवाल के जवाब के लिए आपको विवेचनात्मक आत्म-निरीक्षण करना चाहिएI आपमें शब्दों को प्रयोग करने की रचनात्मकता होनी चाहिए तथा जटिलतम विषयों को सरलतम रूप में अधिकाधिक लोगों तक संप्रेषित करने की योग्यता होनी चाहिए I कठिन परिश्रम व धैर्य का होना यहाँ बहुत ज़रूरी है क्योंकि इस क्षेत्र में उच्च मुकाम हासिल करने में समय लगता है I

खर्चा कितना होगा?

शिक्षण शुल्क तथा विभिन्न प्रोजेक्ट्स, इंटर्नशिप व फील्ड-वर्क पर होने वाले उच्च व्यय के कारण इस कोर्स को करने में खर्चा ज्यादा होता है I स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम संचालित करने वाले अधिकतर संस्थान वार्षिक फीस के रूप में ६०,००० से २ लाख रुपये तक लेते हैं I तीन साल के पाठ्यक्रम के लिए आपको लगभग तीन लाख रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं I इसी प्रकार, भारतीय जन-संचार संस्थान से एकवर्षीय परा-स्नातक पाठ्यक्रम करने पर ४०,००० से १ लाख रुपये तक खर्चा आता है I जामिया मिलिया इस्लामिया के जन-संचार अनुसन्धान केंद्र द्वारा संचालित दो-वर्षीय परा-स्नातक कोर्स के १ लाख रुपये लगते हैं I

फंडिंग/छात्रवृत्ति

प्रिंट मीडिया (हिंदी एवं इंग्लिश) व इलेक्ट्रोनिक मीडिया के पाठ्यक्रमों में प्रथम दो छात्रों को आईआईएमसी, वार्षिक फीस का आधा छात्रवृत्ति के रूप में प्रदान करता है I इस संस्थान में कई और मेमोरियल स्कॉलरशिप मेरिट के आधार पर छात्रों को दी जाती हैI कई दूसरे संस्थान भी मेरिट के आधार पर छात्रवृत्तियां प्रदान करते हैं I इलाहाबाद बैंक व पंजाब नेशनल बैंक आदि राष्ट्रीयकृत बैंकों से छात्र निम्न ब्याज दर पर ७.५ लाख रूपये तक का ऋण भी प्राप्त कर सकते हैं I

रोज़गार के अवसर

जनसंचार में प्रोफेशनल कोर्स आपके लिए फिल्म और टीवी, प्रकाशन, जन-संपर्क, पत्रकारिता, सम्पादन, फिल्म-मेकिंग, स्क्रिप्ट-राइटिंग व प्रोडक्शन इत्यादि के क्षेत्र में संभावनाओं के द्वार खोल देता है I संक्षिप्त में कहें तो जन-संचार एक व्यक्ति के लिए करियर में अपार विकल्प उपलब्ध करा देता है जिसके बाद वह अपनी रूचि के अनुसार कार्यक्षेत्र का चुनाव कर सकता है I प्रतिभाशाली व ट्रेंड व्यक्तियों के लिए पत्रकारिता, अभिनय, दिग्दर्शन, सम्पादन, लेखन, आरजे, वीजे, प्रोडक्शन जैसे हाई-पेइंग जॉब्स में अवसर सदैव उपलब्ध रहते हैं I

वेतनमान

आईआईएमसी, एमसीआरसी जामिया व सिम्बोइसिस जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से निकले हुए छात्र आकर्षक वेतनमान वाली नौकरी पा लेते हैं जबकि दूसरे संस्थान जोकि अपेक्षाकृत कम जाने जाते हैं, के छात्रों को नौकरी ढूंढने में थोड़ी मुश्किल आती है I शुरू में एक जन-संचार प्रोफेशनल को १२,००० से २५,००० मासिक तक की नौकरी मिल जाती है जोकि पांच वर्ष के अनुभव के बाद ५०,००० से एक लाख तक जा सकती है I

मांग और आपूर्ति

मास-कम्यूनिकेशन प्रोफेशनल के करियर में मांग एवं आपूर्ति का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है I वैश्विक आर्थिक तंगी ने कई हाई-प्रोफाईल पत्रकारों की जॉब पर जहां कैंची चलायी वहीं इस दौरान ग्रेजुएट्स को नौकरी के लिए कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा I दूसरी तरफ, नित नए एंटरटेनमेंट व न्यूज़ चैनलों के आने से इस क्षेत्र में ट्रेंड प्रोफेशनल्स की कमी बनी हुयी है तथा कई नए चैनलों के भविष्य में आने से मांग बढ़ेगी ही l साथ ही इस क्षेत्र को विदेशी निवेश के लिए खोलने के पश्चात नयी नौकरियों का सृजन अवश्यम्भावी है l

मार्केट वॉच

अगले पांच वर्षों में ७० नए न्यूज़ चैनलों के इस क्षेत्र में पदार्पण करने से नौकरियों के अवसर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं l विशेषकर पत्रकारिता और फिल्मों में कुशल ट्रेंड प्रोफेशनल्स के लिए विभिन्न पदों के लिए अवसरों की कमी नहीं है l चूंकि भारत विश्व में सबसे अधिक फिल्म निर्माण करने वाला देश है, यहाँ इस क्षेत्र में मांग सदैव बनी रहती है l तकनीकी रूप से कुशल मीडिया प्रोफेशनल्स टीवी चैनलों, प्रोडक्शन हाउस के लिए कार्य कर सकते हैं तथा वे स्वतंत्र रूप से वृत्तचित्र निर्माता भी बन सकते हैं l

अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन

रूपर्ट मर्डोक की न्यूज़ कॉर्पोरेशन, डिज्नी एंटरटेनमेंट, सीएनबीसी, वॉर्नर ब्रदर्स, गार्डियन समूह, बीबीसी, एबीसी जैसे कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय कम्पनियां इस क्षेत्र में विभिन्न पदों एवं स्तरों के लिए नौकरियां उपलब्ध करा रही हैं l इन अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में न केवल आकर्षक वेतन मिलता है वरन कई चुनौतीपूर्ण कार्य करने का अवसर भी प्राप्त होता है तथा भारतीयों को तो इन जगहों पर उनके अंग्रेज़ी ज्ञान के कारण प्राथमिकता भी दी जाती है l

सकारात्मक/नकारात्मक पहलू

किसी भी अन्य करियर की तरह ही जन-संचार के भी सकारात्मक एवं नकारात्मक पहलू हैं l जन-संचार के क्षेत्र विशेषतः न्यूज़ बिजनेस में आपकी प्रतिबद्धता तथा लगन सदैव दांव पर होते हैं तथा आपको अपने व्यक्तिगत जीवन के समय की कुर्बानी देने के लिए तैयार रहना पड़ता है I खबरों को ब्रेक करने के लिए एक पत्रकार को दिन-रात काम करना पड़ सकता है I इसी प्रकार जो लोग फिल्म व एंटरटेनमेंट उद्योग में कार्य करते हैं उन्हें भी अपने व्यक्तिगत जीवन की परवाह किये बिना अपने प्रोफेशन के लिए जोश के साथ काम करना होता है I संक्षिप्त रूप में, जन-संचार का क्षेत्र जॉब-सैटिसफैक्शन, नाम व प्रसिद्धि देने वाला तथा साथ ही चुनौतीपूर्ण भी होता है l

विभिन्न भूमिका व पदनाम

एक मास-कम्यूनिकेशन ग्रेजुएट को निम्न पद ऑफर किये जा सकते हैं :
- फैशन फोटोग्राफर
- फिल्म निर्देशक
- टीवी कॉरेसपोंडेंट
- प्रोड्यूसर
- रेडियो जॉकी/आरजे
- स्क्रीनप्ले-राइटर
- साउंड इंजीनियर
- साउंड मिक्स़र/साउंड रिकॉर्डिस्ट
- विशेष संवाददाता
- वीडियो जॉकी
- कला निर्देशक
- सम्पादक
- इवेंट मैनेजर
- जन-संपर्क अधिकारी

नौकरी पाने के लिए सुझाव

जन-संचार संस्थान से कोर्स करने के अलावा आपमें इस क्षेत्र के लिए ज़रूरी गुण एवं आपकी इसमें रूचि ही आपको जॉब दिला सकती हैI जो अभ्यर्थी न्यूज़ मीडिया में करियर बनाने के इच्छुक हैं उनमें न्यूज़ और समसामयिक विषयों की अच्छी समझ होनी चाहिए I विभिन्न समसामयिक मुद्दों पर वैश्विक दृष्टिकोण रखने वाले व्यक्तियों को रिपोर्टर के तौर पर रखा जाता है I इसी प्रकार, इलेक्ट्रौनिक मीडिया में रूचि रखने वालों को वीडियो एडिटिंग का प्रायोगिक ज्ञान होना चाहिए I अधिकांश मीडिया ट्रेनिंग संस्थान अपने छात्रों को इंटर्नशिप के लिए विभिन्न मीडिया कंपनियों में भेजते हैं जोकि कोर्स के उपरान्त अंततः उन्हें नौकरी दिलाने में सहायक सिद्ध होता है I

अग्रणी कम्पनियां

- दैनिक जागरण
- हिन्दुस्तान टाइम्स ग्रुप ऑफ़ पब्लिकेशन
- एनडीटीवी नेटवर्क
- जी टीवी नेटवर्क
- टाइम्स ऑफ़ इण्डिया प्रकाशन समूह
- वाईकॉम
- बीबीसी
- टीवी १८
- बिग एंटरटेनमेंट इत्यादि


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Thursday, 12 December 2013

An award winning stratigy...



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टॉप शैक्षिक संस्थानों के मामले में भारत की रैंकिंग पिछले साल के मुकाबले सुधरी

टॉप शैक्षिक संस्थानों के मामले में भारत की रैंकिंग पिछले साल के मुकाबले सुधरी है. दुनिया के टॉप-400 शैक्षिक संस्थानों में पांच भारतीय संस्थानों ने जगह बनाई है. पिछले साल इस सूची में भारत के सिर्फ तीन संस्थान शामिल थे.

पंजाब यूनिवर्सिटी की जबरदस्त एंट्री
टाइम्स हाइअर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2013-13 में चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) को भारत में सबसे ऊंची रैंकिंग दी गई है. पीयू को 226-250 रैंकिंग वाले सेक्शन में रखा गया है.

इसके अलावा आईआईटी दिल्ली और आईआईटी कानपुर भी इस सूची में पहली बार जगह बनाने में कामयाब रहे हैं. दोनों को 351-400 रैंकिंग वाले सेक्शन में रखा गया है.

आईआईटी खड़गपुर पिछले साल भी इस सूची में था, लेकिन अब उसकी रैंकिंग 226-250 से गिरकर 351-400 तक पहुंच गई है. आईआईटी रुड़की ने अपनी पिछली रैंकिंग 351-400 बरकरार रखी है.

कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पहले नंबर पर
दुनिया भर में मशहूर इस रैंकिंग सूची के एडिटर फिल बैटी ने कहा, 'भारत के लिए ये आंकड़े हौसला बढ़ाने वाले हैं. हालांकि भारत का कोई संस्थान टॉप-200 में नहीं है, पर टॉप-400 में पांच भारतीय संस्थान हैं.'

रैंकिंग में कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी लगातार तीसरी बार दुनिया भर में पहले नंबर पर है. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी संयुक्त रूप से दूसरे नंबर पर हैं. स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी चौथे नंबर पर खिसक गई है.


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Top 7 Most Important Soft Skills...........

Top 7 Most Important Soft Skills...........

Acting as a team player means not only being cooperative, but also displaying strong leadership skills when necessary

Flexibility is a valuable asset - employees who can adapt to any situation are dependable no matter what's thrown at them

Effective communication is paramount, and includes articulating oneself well, being a good listener and using appropriate body language

Problem-solving skills and resourcefulness are critical when unexpected issues inevitably arise

Accepting feedback and applying lessons learned fosters professional growth

Confidence is key, but it's important to always have the knowledge and skills to support self-assurance

Creative thinking is invaluable and drives innovation and increased efficiency


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Life Begins at the end of comfort zone..


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Thursday, 5 December 2013

MHRD hopeful of Educational Tribunals Bill passage in winter session



The Union Ministry of Human Resource Development (MHRD) is planning to push key education Bills in view of the short duration of the Winter Session of the Parliament.
Reportedly, the MHRD would push for the long pending Educational Tribunals Bill, 2010, passed by the Lok Sabha in 2010.

The Educational Tribunal Bill was passed by Lok Sabha in 2010 but has been struck in the Rajya Sabha due to lack of consensus among political parties who had been opposing various provisions in it.

The bill is listed for the ensuing session.
Presently, close to a dozen bills including Prohibition of Unfair Practices in Technical Education Bill and National Accreditation Regulatory Authority of Higher Educations Bill are yet to be cleared.

The bill seeks to set up national and state level tribunals to look into the disputes related to higher educational institutions, students and the faculty.

The Bill specifies guidelines under which unfair practices such as charging capitation fees, demanding donations, questionable admission processes etc could be treated as civil or criminal offences.

“Much of the groundwork has been done to evolve a consensus on the bill with some tweaking. We are optimistic this time around,” said a Ministry official, reported Zee News.


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Tuesday, 3 December 2013

The National Board of Accreditation (NBA)

The National Board of Accreditation (NBA), India was established by AICTE (All India Council of Technical Education) as an autonomous body under section 10(u) of AICTE act, 1987 for periodic evaluations of technical institutions & programmes basis according to specified norms and standards as recommended by AICTE council.
It has the full authority to recognize or derecognize institutions and programmes under them.
It is the only authorized body in India entrusted with the task of undertaking accreditation of technical education programmes .
Following the decision to close down the AICTE in the wake of a corruption scandal, Union Education Minister Kapil Sibal announced that the National Board of Accreditation will be elevated as an independent body and become the nodal agency responsible for accreditation in India.
The National Board of Accreditation has since become an Independent Society constituted under the Registrar of Cooperative Societies

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CBSE grants 30 minutes extra for open book exams

CBSE grants 30 minutes extra for open book exams
The Central Board of Secondary Education (CBSE) has decided to give 30 minutes extra to students of Class IX and XI in the March 2014 final exams, specifically for the open book exam. The Open Text Based Assessment (OTBA) will debut in March as a separate section within the main question paper. The OTBA questions will be addition to the original number questions as per last year's pattern, hence the central board decided to allow an extra half-hour to students.
CBSE director Sadhana Parashar wrote to schools saying, "It has been provided in the circulars that OTBA questions will be in addition to usual questions set for three hours. In view of the above, schools are directed to give time of 3-3½ hours to the examinees in each of the subjects where open text based assessment has been introduced. This time will be in addition to the 15 minutes allotted to read the question paper."
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WSM Started Placement again

Dear Students,
We are glad to announce that we are now again started placements.
You all are requested to send your resume to placements@wsmde.edu.in for placements assistance.
Please mention your Enrollment No., Last Qualification and experience in the subject line of the mail. e.g. PROV/XXX000,MBA,4 Years
Thanking you.
Yours
TPO
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