Wednesday, 13 November 2013

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टॉपर्स नहीं, ऐवरेज स्टूडेंट्स आ रहे हैं कंपनियों को पसंद

टॉपर्स नहीं, ऐवरेज स्टूडेंट्स आ रहे हैं कंपनियों को पसंद

दिल्ली यूनिवर्सिटी में कैंपस प्लेसमेंट का सीजन शुरू हो गया है और इस बार नया ट्रेंड भी देखने को मिल रहा है। पहले कंपनियों की पहली चॉइस टॉपर्स स्टूडेंट्स होते थे और पहले उन्हें ही जॉब ऑफर होती थी। अब कंपनियों की सोच में बदलाव आ रहा है। यूनिवर्सिटी के सेंट्रल प्लेसमेंट सेल (सीपीसी) में रजिस्ट्रेशन करवाने वाली कई कंपनियां चाहती हैं कि ऐवरेज पर्सेंटेज वाले स्टूडेंट्स का सिलेक्शन किया जाए। 55 से 60 पर्सेंट तक स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स को भी इस बार कैंपस प्लेसमेंट का गोल्डन चांस मिल सकता है। सीपीसी अधिकारियों का भी मानना है कि इस बार खुद कंपनियों ने ही ऐवरेज स्टूडेंट्स को प्रमोट करने की बात कही है। यूनिवर्सिटी भी कंपनियों के बदलते रुख से काफी खुश है।

डिप्टी डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ. गुलशन साहनी बताते हैं कि कई कंपनियां इस बार शर्त रख रही हैं कि उन्हें ऐवरेज पर्सेंटेज वाले स्टूडेंट्स का डाटा दिया जाए। ऐसे स्टूडेंट्स को कंपनियां ट्रेंड करेंगी और ट्रेनिंग के बाद उन्हें कंपनियों में काम करने का मौका मिलेगा। डॉ. साहनी का कहना है कि कंपनियों की सोच है कि टॉपर्स का सलेक्शन करने के बाद उन्हें कुछ महीने की ट्रेनिंग दी जाती है, लेकिन कुछ समय बाद वे जॉब छोड़ देते हैं। ऐसे में कंपनी को नए सिरे से कैंडिडेट्स को ट्रेनिंग देनी पड़ती है और कंपनी को ट्रेनिंग का फायदा नहीं मिल पाता। आईटी के अलावा फाइनैंस सेक्टर की भी ऐसी कंपनियां हैं, जो 60 पर्सेंट तक स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स को प्लेसमेंट में प्राथमिकता देने की बात कह रही हैं।

डिप्टी डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ. गुरप्रीत सिंह टुटेजा का कहना है कि कंपनियों की सोच में बदलाव आ रहा है। वे चाहती हैं कि जिन स्टूडेंट्स को वे ट्रेनिंग दें, वे ज्यादा से ज्यादा समय तक काम करें। इस बार ऐसी कंपनियां भी हैं, जो चाहती हैं कि स्टूडेंट्स जल्द से जल्द जॉइन करें। कंपनियों की सोच है कि ऐवरेज पर्सेंटेज वाले स्टूडेंट्स ज्यादा समय तक एक कंपनी में काम कर सकते हैं। यानी इस बार कम पर्सेंटेज वाले स्टूडेंट्स के लिए भी खुशखबरी है कि उन्हें पहले के मुकाबले कैंपस प्लेसमेंट के ज्यादा बेहतर चांस मिलेंगे।

सीपीसी का पहला राउंड 12-13 नवंबर को
सीपीसी का पहला राउंड 12 और 13 नवंबर को नॉर्थ कैंपस के कॉन्फ्रेंस सेंटर में होगा। इस दिन बैंकिंग सेक्टर की कंपनियां भी आ रही हैं, जिनमें एचडीएफसी बैंक भी शामिल है। साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स तीनों स्ट्रीम के स्टूडेंट्स इस राउंड में भाग ले सकते हैं। पहले राउंड में वही स्टूडेंट्स अपीयर हो सकते हैं, जिन्होंने 11 नवंबर को शाम 5 बजे तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया होगा। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद फॉर्म का प्रिंट लेकर कॉलेज प्रिंसिपल से भी वेरिफाई करवाना होगा। 20 नवंबर से डीयू में सेमेस्टर एग्जाम शुरू हो रहे हैं। प्लेसमेंट का सेकंड राउंड सेमेस्टर एग्जाम के बाद ही होगा।

साभार-नवभारत टाइम्स

Benefits of Distance Education

Benefits of Distance Education

Distance Education makes lifelong learning possible. Along with enhanced access to educational opportunities, it offers convenience, flexibility, and affordability. The benefits of Distance Education are innumerable; some of them are:
Suitable for anyone and everyone
Distance Education suits the diverse educational requirements of students, businessmen, professionals, entrepreneurs and house-wives and is beneficial to any individual who wants to pursue higher education while still continuing with what he/ she is doing.

Self-paced Learning

The maximum duration of Distance Education programmes provides its students enough time to complete their programmes. This flexibility is specifically given, keeping in mind that the Distance Education students have other commitments too.
No constraint of time and place

Distance Education allows flexibility to study anytime of the day, be it in the wee hours of the morning or at late nights. Students may choose to study in the comfort of their homes, while travelling, while they are in the waiting area of a railway station or an airport, or any other place where they wish to be.

Multi-tasking opportunity

Distance Education provides multi-tasking opportunity to students. Flexibility and convenience, rendered by it, provide the students freedom to heed to their other responsibilities too.

Age no bar

Age is no bar for anyone wishing to pursue an distance education Programme.
Increase in Compensation and Promotion potential
One can always enhance his/ her academic and professional acumen by opting for Distance Education programme which in turn helps in increasing one’s remuneration and promotional potential. Additional qualification gives an edge to an individual over his peers and colleagues.

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Distance Education Bureau

In pursuance of the directions issued by the Ministry of Human Resource Development, Department of Higher Education, Government of India dated 29.12.2012, the regulatory functions with regard to Distance Education programmes in higher education have now been vested with the University Grants Commission. The Distance Education Council which was the erstwhile regulator of Distance Education programmes, has been dissolved and all regulatory functions are being undertaken by the UGC. The UGC is in the process of framing new Regulations for Distance Education. It has, however, been decided that till such time the new Regulations of the UGC are notified, the guidelines of the erstwhile DEC with regard to recognition of ODL institutions shall be implemented for the purposes of grant of permission to institutions for Distance Education programmes.